उत्तराखंड: कांग्रेस के दिग्गज नेता राजेंद्र भंडारी भाजपा में शामिल
बड़े घमासान के बाद, उत्तराखंड की राजनीति में धमाकेदार बदलाव............कांग्रेस के विधायक राजेंद्र भंडारी ने आज कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल। भंडारी के इस फैसले से उत्तराखंड की राजनीति में तेजी आई है। इस समय कांग्रेस में कई नेता इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो रहे हैं।


उत्तराखंड के पूर्व बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी का आज कांग्रेस से इस्तीफा हो गया है और वे भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लिए हैं। यह उत्तराखंड की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम है।
राजेंद्र भंडारी के इस फैसले के बाद, अब उत्तराखंड की राजनीति में नया मोड़ आया है। पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस के कई बड़े नेता इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो रहे हैं, जिससे कांग्रेस को कड़ा झटका लगा है।
राजेंद्र भंडारी ने पहले कभी कांग्रेस का सदस्य रहते हुए बदरीनाथ विधानसभा सीट से विधायक चुने थे। उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता छोड़ते हुए भाजपा में शामिल हो लिया है।
राजेंद्र भंडारी का भाजपा में शामिल होना भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। क्योंकि वे पिछले कई वर्षों से बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के एकमात्र विधायक रह चुके थे।
भंडारी के इस फैसले के बाद, भाजपा की पकड़ उत्तराखंड में मजबूत हो जाएगी और वे पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण प्रत्याशी भी बन सकते हैं।
यहां यह भी महत्वपूर्ण है कि भंडारी के भाजपा में शामिल होने के बाद, उनकी पत्नी पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इसके चलते कांग्रेस ने उनकी विधानसभा सदस्यता को रद्द कर दिया है।
इस घटना के बाद, अब उत्तराखंड की राजनीति में नया मोड़ आने की संभावना है।
नेताओं की लड़ाई:
भंडारी के इस इस्तीफे के पहले ही, कांग्रेस में कई नेताओं ने इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो लिया था। पिछले कुछ हफ्तों में गंगोत्री के पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण और पुरोला के पूर्व विधायक मालचंद भी कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं।
इसके अलावा, कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत की पुत्रवधू भी पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गई हैं। ऐसे में, कांग्रेस को एक बार फिर से नेताओं की कमी महसूस हो रही है।
भ्रष्टाचार के आरोप:
राजेंद्र भंडारी की पत्नी पर भ्रष्टाचार के आरोप के बाद, उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। इस मामले में चल रही जांच के बाद उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना पड़ सकता है।
सामाजिक परिवर्तन:
यह समय कांग्रेस के लिए सोचने का है कि किस तरह से वह नेताओं को अपनी ओर आकर्षित कर सकती है ताकि पार्टी को उत्तराखंड में अपना स्थान बनाने में मदद मिले। वहीं, भाजपा की पकड़ और मजबूत होती जा रही है जिससे वह उत्तराखंड में अपना विस्तार कर रही है।
सारांश:
यह समय उत्तराखंड की राजनीति में बड़े बदलाव का समय है। नेताओं की धमाकेदार पलायन और भाजपा में शामिल होने के साथ-साथ, भ्रष्टाचार के आरोपों के साथ सम्बंधित मामले भी चर्चा का विषय बन रहे हैं। अब यह देखना है कि इस बदलाव में राजनीतिक दलों की कैसी पलटी आती है और यह किस प्रकार से उत्तराखंड की राजनीति को प्रभावित करता है।