उत्तराखंडराजनीति

उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों की आंकड़ों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच टकराव

बीजेपी दावा करती है कि धामी सरकार ने पिछले डेढ़ साल में 7 हजार लोगों को सरकारी नौकरी दी है, जबकि 13 हजार से अधिक पदों पर भर्तियां पाइपलाइन में हैं, लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में रोजगार का मुद्दा गरम हो गया है। कांग्रेस ने इस दावे को सफ़ेद झूठ बताते हुए विभागवार आंकड़े मांगे हैं।

देहरादून: उत्तराखंड में बेरोजगारी और रोजगार बड़े मुद्दे बने हुए हैं, और इसे लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक बार फिर से मुद्दा बना दिया है। बीजेपी सरकार दावा कर रही है कि पिछले डेढ़ साल में उसने सरकारी नौकरियों की सबसे अधिक भर्तियां की है, जबकि 13 हजार से अधिक पदों पर भर्तियों का प्रक्रिया पाइपलाइन में है। कांग्रेस इस दावे को सफेद झूठ कहकर खारिज कर रही है। लोकसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही, सियासी पार्टियां इस मुद्दे पर गहरी चर्चा में जुट गई हैं। बीजेपी सरकार की उपलब्धियों की गिनती की जा रही है, जबकि विपक्ष सरकार के खिलाफ मुद्दों की तलाश में है। इस लड़ाई में से एक मुद्दा सरकारी नौकरियों का है, जिसके नाम पर यूथ के बीच प्रभावी ढंग से संदेश पहुंच सकता है।

बीजेपी का दावा है कि धामी सरकार ने पिछले डेढ़ साल में रिकॉर्ड सात हजार से अधिक बेरोजगारों को सरकारी नौकरियां दी हैं। इसके अलावा, 13 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पाइपलाइन में है। इस मामले पर विपक्ष ने हाल ही में विधानसभा के मॉनसून सेशन में सदन में उठाया था। तब सरकार ने जो आंकड़े पेश किए थे, बीजेपी अब उन्हीं आंकड़ों को सार्वजनिक फोरम पर प्रस्तुत कर रही है।

ये रहे कुछ आंकड़े:

  • पिछले डेढ़ साल में राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से 2718 पदों पर नियुक्ति दी गई।
  • UKSSSC के माध्यम से 2522 बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी गई।
  • चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने 1646 पदों पर नियुक्ति दी है।
  • विभिन्न विभागों में 13 हजार से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया पाइपलाइन में है।
  • उत्तराखंड लोक सेवा आयोग 7963 पदों पर भर्ती कर रहा है।
  • UKSSSC 2917 पदों पर भर्ती कर रहा है, तो चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड 2256 पदों पर भर्ती आयोजित कर रहा है।

बीजेपी ने सीएम धामी की प्रशंसा की, कांग्रेस ने लगाया सफ़ेद झूठ:

  • बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी के मुताबिक, युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में सरकारी नौकरियां दी हैं, जो पिछले 23 सालों में किसी भी मुख्यमंत्री द्वारा नहीं की गई। उनका कहना है कि सिर्फ सरकारी नौकरी देने के साथ-साथ, उन्होंने ठोस नकल विरोधी कानून भी बनाया है और दर्जनों परीक्षाओं में हुई धांधली का भी खुलासा किया है।

कांग्रेस का कहना है कि ये सब सफेद झूठ है, और वो चाहती है कि बीजेपी सरकार विभागवार आंकड़ों को प्रकट करें, कि उन्होंने किसी विभाग में कितने लोगों को सरकारी नौकरी दी है।

रोजगार को लेकर इस हल्ले की जड़ें:

  • उत्तराखंड में यूथ का वोट शेयर सबसे अधिक है, और इसका कारण यह है कि हर सरकार में रोजगार एक महत्वपूर्ण सियासी मुद्दा रहा है।
  • सरकारी नौकरियां हमेशा ही चुनावों में एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हैं, और इसी कारण भर्तियों में हुई गड़बड़झाले के बाद भर्तियों को लेकर सरकार ने कई बड़े पैमाने पर कदम उठाया है।
  • लेकिन अब चुनाव आने के कारण, रोजगार और बेरोजगारी का मुद्दा फिर से सियासी स्तर पर उभरा है।

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