UP Dengue News:डेंगू के बढ़ते मामलों से यूपी में आतंक, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा – ‘डरने की जरूरत नहीं’, दी कई सलाहें
Dengue पर ब्रजेश पाठक: उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी के अस्पतालों में खून और बेड की कोई कमी नहीं है। उन्होंने जरूरत पड़ने पर डेंगू के मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करने के निर्देश जारी किए हैं।
UP News: उत्तर प्रदेश में डेंगू प्रसारित हो रहा है और लोग इसके बढ़ते हुए मामलों से परेशान हो रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने लोगों को सजग रहने और डेंगू से न घबरने की सलाह दी है। ब्रजेश पाठक ने बताया कि प्रदेश के अस्पतालों में पर्याप्त दवाएं और निःशुल्क इलाज की व्यवस्था हो रही है, जिससे लोगों को डेंगू से निपटने में मदद मिल सकेगी। उन्होंने सीएचसी और पीएचसी पर भी डेंगू के खिलाफ उपायों की जानकारी दी और तेज बुखार या अन्य डेंगू के लक्षणों के प्रकट होने पर तुरंत जांच कराने की सलाह दी।
ब्रजेश पाठक ने इस बारे में बताया कि प्रदेश सरकार ने सभी अस्पतालों को डेंगू के प्रसार को रोकने के निर्देश दिए हैं और अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह भी दी है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के अस्पतालों में प्लेटलेट्स, खून, और बेड की कमी नहीं है और डेंगू के मरीजों को भर्ती करने के लिए जरूरत पड़ने पर सभी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं।
उपमुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए अपने स्तर पर भी प्रयास करें, और खासकर पानी जमने से बचें, क्योंकि डेंगू मच्छर इसी पानी में पनपते हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और नगर विकास विभाग के संयुक्त प्रयास का उल्लेख किया, जिसमें साफ-सफाई, एंटीलार्बल स्प्रे, फॉगिंग, और डेंगू बचाव के अभियान आदि शामिल हैं।
ब्रजेश पाठक ने दरअसल बताया कि हर बुखार डेंगू नहीं होता है, और खून में प्लेटलेट्स की कमी डेंगू बुखार की पुष्टि नहीं करती है। वायरल बुखार में भी प्लेटलेट्स की कमी होती है। उन्होंने बुखार होने पर नजदीकी सरकारी अस्पताल में इलाज कराने की सलाह दी, और चिकित्सकों की सलाह के मुताबिक तरल पदार्थ लेने की सिफारिश की। वे मच्छरदानी का प्रयोग करने की सलाह देते हैं और गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, और बुजुर्गों के खास ध्यान की जरूरत है। कूलर, पानी की टंकी, और पुराने टायर आदि की सफाई पर भी ध्यान देने की सलाह दी गई है। डेंगू से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, और आम लोगों को गुणवत्ता परखकर इलाज कराने की सलाह दी गई है। इसे प्रदेश सरकार की प्राथमिकता माना जा रहा है।