उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता के लिए विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल चार महीने बढ़ाया, जानिए रिपोर्ट देने की तारीख
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता निर्माण के लिए बनाई गई विशेषज्ञ कमिटी की कार्यकाल चार महीने बढ़ा दिया गया है। जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई कमिटी के कार्यकाल को बढ़ाए जाने के बाद अब रिपोर्ट देने के लिए नई तारीख का निर्धारण किया गया है। कमिटी सभी सुझावों के आधार पर यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार कर रही है।
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता के लिए न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल चार महीने बढ़ा दिया है। लोगों के सुझाव मिलने के बाद कमेटी ने उनके आधार पर ड्राफ्ट तैयार कराया गया है। हालांकि, कमिटी ने अभी तक सरकार को रिपोर्ट नहीं सौंपी है। विशेषज्ञ समिति की ओर से कार्यकाल चार माह बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंजूरी के बाद अपर सचिव (गृह) राधा रतूड़ी ने समिति का कार्यकाल चार महीने बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से यह जानकारी दी गई है। इसके बाद अब यूसीसी विशेषज्ञ कमिटी को अपनी रिपोर्ट देने के लिए नई तिथि का निर्धारण किया गया है। कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर ही प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा।
उत्तराखंड के गृह विभाग की ओर से जस्टिस रंजना देसाई कमिटी के कार्यकाल को चार माह बढ़ाने का आदेश जारी किया। राज्य सरकार की ओर से मई 2022 में जस्टिस रंजन देसाई की अध्यक्षता में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। इस समिति में पांच सदस्य शामिल किए गए हैं। कमिटी को रिपोर्ट देने के लिए छह माह का समय दिया गया। हालांकि, अब तक इस कमिटी के कार्यकाल को दो बार बढ़ाया जा चुका है।
जस्टिस रंजना देसाई कमिटी का वर्तमान कार्यकाल 27 सितंबर को समाप्त हो रहा है। हालांकि, अब तक कमिटी की ओर से ड्राफ्ट रिपोर्ट सरकार को नहीं मिल सकी है। इस कारण कमिटी के कार्यकाल को 27 सितंबर से चार माह के लिए विस्तारित करने का आदेश जारी किया गया। इस प्रकार अब कमिटी को रिपोर्ट देने के लिए अगले साल 27 जनवरी तक का समय मिल गया है। जस्टिस देसाई कमिटी की रिपोर्ट मिलने के बाद धामी सरकार इसे प्रदेश में लागू करने की योजना पर काम शुरू करेगी।